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CG NEWS: गिरौदपुरी धाम में 4 से 6 मार्च तक भव्य गुरूदर्शन मेला

CG NEWS: छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम में इस वर्ष तीन दिवसीय गुरु दर्शन मेला का आयोजन 4 से 6 मार्च 2025 तक किया जाएगा। मेला आयोजन को लेकर जिला पंचायत बलौदाबाजार के सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता धर्मगुरु गुरु बालदास साहेब ने की।

बैठक में मेले की तैयारियों, श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गहन चर्चा की गई। आयोजन को सुव्यवस्थित और भव्य बनाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

इस बैठक में राजमाता गुरु प्रवीण माता जी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब, राजमहंतगण, पूर्व विधायक डॉ. सनम जांगड़े, कलेक्टर दीपक सोनी, एसएसपी विजय अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।

गिरौदपुरी धाम संत गुरु घासीदास जी की जन्मस्थली है और सतनाम पंथ के अनुयायियों के लिए यह एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस मेले में हर वर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन और सत्संग के लिए आते हैं। प्रशासन की ओर से यात्रियों की सुरक्षा, आवागमन, पेयजल, स्वास्थ्य सेवाओं जैसी सुविधाओं को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

इस वर्ष भी गुरु दर्शन मेला में आध्यात्मिक प्रवचन, धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे श्रद्धालु आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकें।

गिरौदपुरी मेला श्रद्धा, व्यवस्था और सुरक्षा का समन्वय

गिरौदपुरी मेला, जो बाबा गुरु घासीदास जी के सम्मान में आयोजित किया जाता है, इस साल भी पूरी श्रद्धा और भव्यता के साथ संपन्न होगा। धर्मगुरु गुरु बालदास साहेब ने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि मेले का आयोजन शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से किया जाएगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, ताकि किसी भी अव्यवस्था से बचा जा सके।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने गिरौदपुरी मेले को श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बताया, जहां हर साल लाखों भक्त पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने विशाल जैतखाम के निर्माण के साथ-साथ अन्य सुविधाओं का भी विस्तार किया है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। वहीं, आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने मेला समिति के सदस्यों से अनुरोध किया कि वे मेले की संपूर्ण व्यवस्थाओं की निगरानी करें और आयोजन के बाद सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित कराएं।

व्यवस्थाओं पर प्रशासन की पैनी नजर

बैठक का संचालन कर रहे कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि इस वर्ष मेले के लिए कसडोल एसडीएम आर.आर. दुबे को मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है। राज्य स्तर से 23 प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की जा रही है, ताकि हर स्तर पर व्यवस्थाओं की निगरानी की जा सके।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पेयजल आपूर्ति की विशेष व्यवस्था की गई है। मेला परिसर में स्थित टंकियों की सफाई कराकर उनमें जलापूर्ति सुनिश्चित की गई है। विभिन्न स्थानों पर 30 लाख, 8 लाख और 75 हजार लीटर क्षमता की टंकियों की व्यवस्था की गई है, वहीं मंदिर परिसर, महराजी, छाता पहाड़ और पंचकुंडीय स्थानों पर भी अलग से पेयजल टंकियां लगाई गई हैं। आवश्यकता पड़ने पर टैंकरों के माध्यम से भी जल आपूर्ति की जाएगी।

स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए गुरु निवास सहित प्रमुख स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात रहेंगी। कसडोल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत उपचार मिल सके। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में दवाइयां और एंबुलेंस की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

सुरक्षा और यातायात प्रबंधन पर विशेष जोर

मेला स्थल को पांच सेक्टरों में विभाजित किया गया है, जिससे व्यवस्थाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके। चलित और स्थायी शौचालयों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, साथ ही बिजली आपूर्ति और प्रकाश व्यवस्था के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।

व्यापारियों और दुकानदारों के लिए वेंडिंग जोन बनाया गया है, ताकि दुकानें व्यवस्थित रूप से लगाई जा सकें और अव्यवस्था न हो। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि मेले के दौरान तीन-स्तरीय सुरक्षा तंत्र लागू किया गया है। कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी पुलिस कंट्रोल रूम से की जाएगी।

इसके अलावा, सात स्थानों पर दमकल वाहन तैनात किए जाएंगे और पुलिस पेट्रोलिंग टीम लगातार गश्त करेगी। छाता पहाड़ क्षेत्र में वायरलेस सेट की भी स्थापना की गई है, ताकि आपात स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया दी जा सके। मेला परिसर और आसपास मांस-मदिरा की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।

निष्कर्ष:

गिरौदपुरी मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि श्रद्धा, परंपरा और व्यवस्था का अद्भुत संगम है। प्रशासन और श्रद्धालुओं के सहयोग से यह मेला हर वर्ष नए आयाम स्थापित करता है। उम्मीद है कि इस बार भी यह मेला पूरी भव्यता, शांति और सुव्यवस्था के साथ संपन्न होगा।

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