Heavy Rain in Bastar: बस्तर के हुच्चाकोट पहुंच मार्ग पर भारी बारिश के कारण बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे भरण्डा ग्राम पंचायत का एक गांव टापू में तब्दील हो गया। इस आपदा ने 50 परिवारों को अपने घरों में फंसा दिया है। प्रभावित लोग अब बाहरी दुनिया से कट गए हैं, जिससे उनके दैनिक जीवन में काफी कठिनाइयां आ रही हैं। सरकारी अधिकारियों और राहत दलों द्वारा स्थिति का जायजा लिया जा रहा है, और जल्द ही राहत कार्यों की शुरुआत होने की उम्मीद है।
पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने नदियों और नालों को उफान पर ला दिया है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस बाढ़ ने कई स्थानों पर सड़कों, पुलों और पुलियों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिसके कारण गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। इसका उदाहरण भरण्डा ग्राम पंचायत में देखा जा सकता है, जहाँ हुच्चाकोट पहुँच मार्ग का पुल बारिश के पानी से टूट गया है। इसके परिणामस्वरूप, हुच्चाकोट गांव के 50 परिवार एक टापू में तब्दील हो गए हैं, जिनका बाहरी दुनिया से संपर्क अब पूरी तरह कट गया है।
बस्तर में भारी बारिश से ग्राम पंचायत मुख्यालय का संपर्क टूटा
विशेष रूप से कांकेर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित रावघाट परियोजना से प्रभावित भरण्डा ग्राम पंचायत के आश्रित गांव हुच्चाकोट का जिक्र किया गया है। इस गांव में लगभग 50 परिवार रहते हैं, और वर्तमान में यह गांव जिला मुख्यालय सहित ग्राम पंचायत मुख्यालय से पूरी तरह से कटा हुआ है, जिससे ग्रामीणों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
भारी बारिश के कारण हुच्चाकोट गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव उत्पन्न हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए, तत्कालीन कलेक्टर ने भरण्डा से हुच्चाकोट तक पहुँचने वाले मार्ग पर पुलिया निर्माण की स्वीकृति दी थी, ताकि गांव का संपर्क जिला मुख्यालय और ग्राम पंचायत मुख्यालय से बारह महीने बना रहे। हालांकि, बारिश की वजह से यह मार्ग अब अवरुद्ध हो चुका है, जिससे ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
भारी बारिश से हुच्चाकोट गांव का प्राथमिक शिक्षा पर संकट
बस्तर जिले के अंतिम सीमा पर स्थित हुच्चाकोट गांव में लगभग 50 परिवारों के 200 से अधिक ग्रामीण निवास करते हैं। इस गांव में रहने वाले बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा एक प्राथमिक शाला का संचालन किया जा रहा है। यहां पहली से पांचवीं कक्षा तक के लगभग 26 बच्चे इस शाला में अध्ययन करते हैं। इन बच्चों को शिक्षित करने के लिए शिक्षा विभाग ने एकमात्र शिक्षक की नियुक्ति की है, जो जिला मुख्यालय से आकर बच्चों को पढ़ाते हैं।
हालांकि, भारी बारिश के कारण हुच्चाकोट मार्ग पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे शिक्षक स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। परिणामस्वरूप, बच्चे स्कूल आकर खेलते हैं और मध्यान भोजन करने के बाद घर लौट जाते हैं। इसके बावजूद, इस गंभीर समस्या पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है, जिससे गांव के बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है।