J&K News: कश्मीर में शीतलहर की स्थिति और अधिक गहराती जा रही है। न्यूनतम तापमान के कई डिग्री जमाव बिंदु से नीचे गिरने के कारण कश्मीर घाटी के विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक ठंड का माहौल बन गया है। इस कारण से झीलों और अन्य जल निकायों के किनारे बर्फ की परत जमने लगी है। कश्मीर की प्रसिद्ध डल झील का किनारा भी बर्फ से ढक गया है, जिससे ठंड के प्रकोप की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
मंगलवार, 17 दिसंबर 2025 को आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी कि श्रीनगर शहर में न्यूनतम तापमान माइनस 5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान पिछली रात के माइनस 3.4 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया है। इस गिरावट ने शीतलहर को और तीव्र बना दिया है।
श्रीनगर ही नहीं, बल्कि पूरी घाटी में लोग कड़ाके की ठंड से जूझ रहे हैं। ठंडी हवाओं और गिरते तापमान ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई जगहों पर पानी की पाइपलाइनें जम गई हैं, जिससे लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। खासकर सुबह और रात के समय ठंड और भी ज्यादा महसूस हो रही है।
डल झील, जो कश्मीर की खूबसूरती का प्रतीक मानी जाती है, इन दिनों जमाव की चपेट में है। झील के किनारे और सतह पर पतली बर्फ की परत जमने लगी है। पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए यह दृश्य आकर्षण का केंद्र बन रहा है, लेकिन यह ठंड के बढ़ते स्तर का संकेत भी है। कई लोग झील के किनारे खड़े होकर तस्वीरें ले रहे हैं, जबकि कुछ लोग इस अनूठे नजारे का आनंद ले रहे हैं।
शहरों की अपेक्षा ग्रामीण और दूरदराज़ के इलाकों में स्थिति और भी कठिन हो गई है। बिजली की अनियमित आपूर्ति और ईंधन की कमी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कश्मीर के कई गांवों में लोग लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल कर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, स्कूल और कॉलेजों में उपस्थिति कम हो गई है क्योंकि ठंड के कारण बच्चे घर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं।
कश्मीर घाटी के निवासी शीतलहर के दौरान खुद को गर्म रखने के लिए पारंपरिक कांगड़ी (कोयले से गर्म होने वाला छोटा पात्र) का उपयोग कर रहे हैं। कांगड़ी यहां की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, जो विशेष रूप से सर्दियों में उपयोग की जाती है।
कड़ाके की ठंड का असर कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर भी पड़ रहा है। हालांकि, बर्फबारी और जमाव के कारण कुछ पर्यटक यहां का रुख कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय व्यवसायियों और हाउसबोट मालिकों के लिए यह ठंडा मौसम आर्थिक संकट लेकर आया है। ठंड के कारण यातायात व्यवस्था पर भी असर पड़ा है। सुबह के समय सड़कों पर जमी बर्फ के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है।
वहीं, गुलमर्ग और पहलगाम जैसे पर्यटन स्थलों पर ठंड का आनंद लेने के लिए पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। इन जगहों पर बर्फबारी का दृश्य देखने के लिए सैकड़ों पर्यटक जुट रहे हैं। गुलमर्ग में बर्फ की मोटी परतें जम चुकी हैं, जो इसे विंटर स्पोर्ट्स और स्कीइंग के लिए आदर्श स्थल बना रही हैं।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में तापमान और गिर सकता है। बर्फबारी की संभावना भी जताई गई है, जिससे ठंड का प्रकोप और अधिक बढ़ने की संभावना है। अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि वे ठंड से बचने के लिए एहतियात बरतें और अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें।
कुल मिलाकर, कश्मीर घाटी में इस समय शीतलहर का प्रभाव अपने चरम पर है। ठंड से बचने के लिए लोग हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन गिरते तापमान और बढ़ती ठंड ने जीवन को कठिन बना दिया है। पर्यटक जहां इस ठंड का आनंद ले रहे हैं, वहीं स्थानीय लोग इसके प्रभावों से जूझ रहे हैं।